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Wednesday, April 18, 2007

वाह उस्ताद वाह

सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा, हम बुलबुले हैं इसके ये गुलसितां हमारा।

यही जवाब राकेश शर्मा का था जब इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा कि चन्द्रमा से धरती कैसी दिखाई दे रही है। इन पंक्तियों को एक मुद्दत के बाद हिंदी में लिखकर और फिर उसी को पढ़कर काफी अच्छा लग रहा है। और ये सब संभव हुआ श्री नितिन अरोरा और सुश्री अनुपमा दत्ता के प्रयासों से, आप दोनों का हार्दिक धन्यवाद। अधिकतम जानकारी के लिए कृपया यहाँ मूषक दबाएँ।

पिछले तीन महीनों से मैं कुछ लिखने की सोच रहा हूँ पर किसी ना किसी कारण से लिख नहीं पा रहा था। फिर जब आज पता चला की इस मंच पर अब हम हिंदी में अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं, तो रहा नहीं गया। आशा है जल्दी ही वापिस आऊंगा, तब तक के लिए इजाज़त दीजिए। धन्यवाद।

5 Comments:

Blogger Varun Singh said...

शाबाश मेरे चीते!! पर ये रेडियो वालों टाईप हिंदी क्यों लिखी है पुत्तर, रोज़ बोल चाल वाली लिख ना॥

सदा तुम्हारा,
जाट

1:24 PM  
Anonymous Anonymous said...

Ntini Arora has something to do with the fast bowler?

just kidding :)

2:00 PM  
Anonymous Anonymous said...

I see. Blogger has this problem with chote ee ki matra. It puts it in front of the next akshar. Maybe a simple hack (of putting i in front rather than at the back) will solve the problem for us, till they actually do it.

2:10 PM  
Anonymous Anonymous said...

hello sir ji!
now that you've tried blogger's hindi interface, maybe you'd like to give http://quillpad.in a try. it's pretty easy to type and has features that'll allow you to search on your site in hindi!
vishnu

12:03 PM  
Anonymous Anonymous said...

soni tusi grat ho ,kam ho aesa jo rang la de, apna hindustan ka parcham lahra de.
your shubhchintak

4:06 AM  

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